तो क्या अब से काँग्रेस के नेता हवाई जहाज से यात्रा नहीं करेंगे, क्या पता हवा में ही इंजन बंद हो जाए?
श्री राहुल गांधी जी का टिवीटर अकाउंट हैक हो गया तो काँग्रेस ने कईं नेताओं ने ट्वीट कर कर के बताया कि ऑनलाइन सुरक्षा तंत्र तो बहुत निर्बल है। कोई हैकर्स की गारंटी लेने की बात पूछ रहे था तो कोई ऑनलाइन ट्रैंज़ैक्शन की सुरक्षा पर ट्वीट कर रहे थे जैसे वो अभी शुरू हुई हैं और काँग्रेस के समय में थी ही नहीं, और कोई digitalindia पर प्रश्न लगा रहे थे।
मैंने भी सोचा कि बात तो सोचने की है कि कोई काम करो तो सोचना तो चाहिए कि कहीं ऐसा हो गया तो, कहीं वैसा हो गया तो। वैसे काँग्रेस के इन नेताओं की चिंता के हिसाब तो स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी को कम्प्युटर को प्रोत्साहन देना ही नहीं चाहिए था, कहीं कम्प्युटर में वाइरस ही आते रहे तो, वाइरस से सारा डाटा ही उड़ गया तो?
क्या काँग्रेस ये सम्मानित नेता अब से ये भी सोचेंगे कि –
-अपने घर में कभी बिजली नहीं लगानी चाहिए, कहीं शॉर्ट सर्किट हो गया तो? रात तो घर में दिया जलाना चाहिए, पर अगर दिये से आग लग गई तो?
-कार से नहीं जाना चाहिए, कहीं रास्ते में टायर ही निकल गया तो?
-शौच करने जाएँ तो कहीं पानी की टूटी ही न चले, चल जाए तो कहीं फ्लश ही न चले और फ्लश भी चल गया तो बाहर निकलने के लिए कुंडी ही ना खुली तो?
और हवाई जहाज से तो बिलकुल यात्रा नहीं करनी चाहिए, कहीं हवा में ही इंजन बंद हो गया तो?
संभावनाएं तो बहुत हैं और चिंता करना भी उचित है किन्तु महत्वपूर्ण ये है कि कोई भी नया तंत्र आरंभ हो तो उसके सुरक्षा तंत्र पर बल देना चाहिए और आशा है कि बहुत जल्दी ही भारत साइबर सुरक्षा तंत्र पर भी नियंत्रण पा लेगा।