Gavyamrut Kalyan Ghrit
यह घृत उन्माद, अपस्मार, हिस्टीरिया, दिमाग की खराबी, दिमाग की कमजोरी, तुतलापन, अग्निमांद्य, पाण्डू, कन्डू, जहर, सूजन, प्रमेह, कास, श्वास, ज्वर, पारी का ज्वर, वातरोग, जुकाम, वीर्य की कमी, बंध्यापन, बुद्धि की कमी, कमजोरी, मूत्रकृच्छ्र, विसर्प आदि रोगों का नाश करता है। दिमाग की कमजोरी या बौद्धिक परिश्रम करने वालों के लिये तो यह अमृत के समान काम करने वाला है। इस घी के साथ ही ‘‘कुष्माण्डावलेह’’ भी लिया जा सकता है।कुष्माण्डावलेह में इस घी को मिलो देने से जायका भी अच्छा हो जाता है। तथा गुण भी विशेष करता है। Click on Image below to order NOW!
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