व्यंग्य-कभी सोचा था कि एक दिन 10, 50, 100 रुपए के नोटों का महत्व 500 और 1000 रुपए के नोटों से अधिक होगा?!!!
कल प्रधानमंत्री मोदी जी ने धमाका कर दिया। थोड़े शब्दों में बता दिया कि भैया, बहुत हो गया काला धन, अब लगाओ सफ़ेद धन में मन। वैसे मोदी जी मन की बात भी करते रहते हैं लेकिन उनके मन की बात तभी पता चलती है जब वे बताते हैं। तभी तो 500 और 1000 रुपए को नोट बदलने के निर्णय की बात किसी को पता तक नहीं चला। और देश को बताया तो सीधे मोदी जी ने खुद।
अब पुराने वाले 500 और 1000 रुपए के नोट तो लगभग इतिहास के पन्ने हो चुके हैं। धीरे धीरे लोग बैंकों से नोट बदलते जाएंगे तो नया भविष्य सामने आयेगा। आज स्थिति ये है कि 500 और 1000 रुपए के नोट कोई भिखारी भी लेने को असम्जस में है। वो भी चार बार ये सोचेगा कि चलाऊँगा कहाँ।
50 और 100 रुपए के नोट रखने वाले फूल के कुप्पा हो गए हैं!
500 और 1000 रुपए के नोट वाले तो धक्के खा रहे हैं किन्तु जिनके पास 50 और 100 रुपए के नोट हैं, भले थोड़े ही हो, आज अपने तो राजा समझ रहे हैं। साहब उनकी तो चाल में ही अंतर आ गया है। फूल के कुप्पा हो गए हैं। अगर आपकी जेब में 50-100 रुपए के नोट हैं तो आपका बड़ा धन्यवाद कि आप इतने बड़े आदमी होकर भी अपना समय निकाल कर मेरा ये लेख पड़ रहे हैं। इतना सम्मान तो मुझे कभी नहीं मिला।
चमत्कार हो गया!
साहब ये चमत्कार तो हो गया है। नुक्कड़, गली, सड़क, नाई की दुकान, परचून वाला, दूध वाले की दुकान, शोरूम जहां जाओ बस यही चर्चा है कि 50 और 100 रुपए नोट हैं क्या किसी के पास।
अब बस ये समाचार आना शेष है कि सभी दुकान वालों ने दुकान के बाहर बोर्ड लगा दिया है कि सभी ग्राहक लाइन लगाएँ और 50-100 रुपए कृपया लाइन में आगे आयें और 500-1000 रुपए वाले पीछे। और क्या पता कि कोई 50-100 रुपए के नोट वाला ग्राहक आए तो हार पहना के स्वागत करें कि हमारा सौभाग्य कि इतना विशेष व्यक्ति हमारी दुकान पर आया?
इतना सम्मान, इतना महत्व अरे साहब, दिन बदल गए हैं, समय बदल गया, भले दो दिन के लिए ही सही 50-100 रुपए के नोटों का 500-1000 रुपए से महत्व अधिक हो गया है।
क्या कभी सोचा था कि एक 50 और 100 रुपए के नोटों का महत्व 500 और 1000 रुपए से अधिक हो जाएगा, भले थोड़े दिन के लिए ही सही?
लेखक-जितेंद्र खुराना
टिवीटर-@JkOnMission
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