साध्वी पूर्णाम्बा बनीं वाराणसी की गो सांसद्

प्रेस विज्ञप्ति

सादर प्रकाशनार्थ

साध्वी पूर्णाम्बा बनीं वाराणसी की गो सांसद्

परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती १००८ द्वारा गठित भारत की पहली गो संसद् विगत दिनाङ्क 2 अगस्त से प्रारम्भ हुई है जो दिल्ली के तेरापंथ भवन में चल रही है। गो संसद के दौरान जगद्गुरु शङ्कराचार्य जी महाराज की पूर्णाभिषिक्त शिष्या साध्वी पूर्णाम्बा दीदी को वाराणसी संसदीय क्षेत्र से गौ सांसद् मनोनीत किया गया है। इस अवसर पर साध्वी पूर्णाम्बा दीदी ने गौरक्षा की शपथ लेते हुए गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने हेतु व गोकशी बंद कराने हेतु अपना श्रेष्ठ योगदान प्रदान करने का संकल्प लिया। सर्वविदित है कि साध्वी पूर्णाम्बा दीदी ने धर्मस्थापना हीअपने जीवन का लक्ष्य बना चुकी हैं।। गंगा जी को राष्ट्रीय नदी घोषित कराने हेतु चलाए गए राष्ट्रव्यापी आंदोलन में साध्वी पूर्णाम्बा दीदी ने कठिन तपस्या की थीं।इस दौरान अन्न,जल त्यागने के कारण उनके प्राण पर संकट उत्पन्न होने पर प्रशासन ने बलपूर्वक उनके प्राणों के रक्षा हेतु उन्हें चिकित्सालय में भर्ती कराया था।साध्वी पूर्णाम्बा दीदी द्वारा निःस्वार्थ धर्मस्थापना हेतु किए जा रहे कार्य से अनेकों लोग प्रेरणा प्राप्त कर अपना जीवन धर्मकार्य में लगा रहे हैं।

ज्ञातव्य है कि परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज का 22वां चातुर्मास्य व्रत अनुष्ठान दिल्ली में 22 जुलाई से 18 सितंबर तक सम्पन्न हो रहा है।जिसके दौरान अनेकों आध्यात्मिक मूल्यों के स्थापना हेतु विविध धर्मानुष्ठान आयोजित हो रहे हैं। इसी क्रम में 2 अगस्त से 6 अगस्त तक गौरक्षार्थ गो संसद का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे राष्ट्र के समस्त जिलों से एक प्रमुख गौभक्त को गो सांसद बनाया जा रहा है जो गौमाता के रक्षा हेतु समर्पित होकर प्रण व प्राण से कार्य करेंगे।

साध्वी पूर्णाम्बा दीदी के गौ सांसद बनने से हर्षित देश के कोने कोने से गौभक्तों व सनातनधर्मियों ने दीदी जी को अपनी बधाई व मंगलकामना सम्प्रेषित की है।

उक्त जानकारी परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय के माध्यम से प्राप्त हुई है।

प्रेषक
मीडिया प्रभारी
संजय पाण्डेय।
परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज।

Leave a Reply

Share

Compare