उत्तरप्रदेश के उन मूर्ख हिंदुओं के नाम खुला पत्र जो वोट नहीं डालते

वर्ष 2014 में उत्तरप्रदेश में कुल 58.35% वोट पड़े थे जिसमें पुरुषों के 59.13% और स्त्रियॉं के 57.42% वोट थे। कितने दुख की बात है कि 41.65% लोग वोट ही डालने नहीं गए। इसमें अधिकतर हिन्दू ही हैं। क्यों हिंदुओं को अपना दायित्व समझ नहीं आता है? क्या ये 41.65% लोग सरकार से किसी प्रकार की कोई अपेक्षा नहीं करते? क्या ये 41.65% लोग सरकार से कुछ नहीं चाहते? क्या ये 41.65% लोग जब अपराधियों द्वारा पीड़ित होते हैं तो पुलिस स्टेशन शिकायत करने नहीं जाते? क्या ये 41.65% लोग बीमार होने पर अस्पताल नहीं जाते? क्या इन 41.65% लोगों को अपने बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और व्यवसाय नहीं चाहिए? अगर इन 41.65% लोगों के बच्चों के जीवन में कोई शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और व्यवसाय आदि समस्या आती है तो ये लोग स्वयं इसके उत्तरदायी हैं क्योंकि ये शिथिल लोग चुनाव में वोट डालने ही नहीं जाते।  ये लोग अपने बच्चों के भी दोषी हैं और उनका भविष्य भी बिगाड़ रहे हैं। वोट न देकर ऐसे शिथिल लोग अपने बच्चों को स्वतन्त्रता की भेंट नहीं दे रहे हैं और स्वाभिमान की शिक्षा से वंचित रख रहे हैं। सुरक्षा की कमी के कारण ही उत्तरप्रदेश के कैराना जैसे क्षेत्रों से पलायन होते हैं।

इन शिथिल वोट न देने वाले हिंदुओं को जागना होगा और जो नहीं जाग रहे उन हिंदुओं को हम सबको मिल कर जगाना होगा। ऐसे हिन्दू अपने पूर्वजों, लोकतंत्र, धर्मग्रंथ वेद और अपने बच्चों सहित सभी के दोषी हैं। ऐसे हिंदुओं को अपने इस दोष को दूर कर अपने में स्वाभिमान का दीपक जलाना चाहिए। ऐसे हिंदुओं को समझना चाहिए कि वोट देकर वो कितनी बड़ी शक्ति का निर्माण कर रहे हैं। स्वराज प्रत्येक हिन्दू का धार्मिक कर्तव्य और अधिकार है। वोट देकर हिन्दू स्वराज की ओर बड़ते हैं और अपने बच्चों को भी सदा स्वाभिमान, स्वराज और स्वतन्त्रता की भेंट देते हैं। इसलिए मेरा उत्तरप्रदेश के सभी हिंदुओं से आग्रह है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में वोट देकर आयें, साथ में पत्नी को भी वोट दिलाकर लाएँ और अपने बच्चों को घर आकर बताएं कि उन्होने वोट देकर उनके वर्तमान और भविष्य निर्माण का एक कार्य सम्पन्न किया है। जिनके बच्चे वोट देने लायक हो चुके हैं उन्हे भी वोट करवाएँ।

सभी हिंदुओं को कर्तव्य है कि वे अपने भाई-बहन, माता-पिता, बच्चों, मित्रों और पड़ोसियों से पक्का करें कि वे चुनावों में वोट देकर आएंगे। वोट देने के बाद भी पक्का करें कि वे वोट दे आयें हैं। चुनाव में वोट देना ही आज स्वतन्त्रता का संग्राम है। वोट देना ही स्वतन्त्रता की गारंटी है। वोट देना ही जनता की जीत है।

चुनाव में वोट देना ही स्वराज और स्वतन्त्रता की गारंटी है।

ॐ शक्ति।

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Jitender Khurana

जितेंद्र खुराना HinduManifesto.com के संस्थापक हैं। Disclaimer: The facts and opinions expressed within this article are the personal opinions of the author. www.HinduManifesto.com does not assume any responsibility or liability for the accuracy, completeness, suitability, or validity of any information in this article.

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