उत्तरप्रदेश के उन मूर्ख हिंदुओं के नाम खुला पत्र जो वोट नहीं डालते

अथर्ववेद 12.1.54

मैं अपनी इस मातृभूमि पर से विरोधी शक्तियों का पराभव करने वाला हूँ, प्रशंसनीय कीर्ति वाला हूँ और सब ओर से सब शक्तियों का नाश करने वाला हूँ, अर्थात हमें अपने शत्रुओं को जो हमारी भाषा, संस्कृति, धर्म और राष्ट्र को नष्ट करना चाहते हैं, उन्हे नष्ट करने का प्रत्येक संभव प्रयास करना चाहिए।

ऋग्वेद 10.152.4

हे तेजस्वी पुरुष, तू हमारे शत्रुओं को नष्ट कर दे। जो हमें पराधीन बनाना चाहता हो उन सब आक्रमणकारियों को तू नीचा दिखा दे। उसे घोर घने अंधकार में ले जाओ अर्थात उसे नष्ट कर दे। अर्थात प्रत्येक मनुष्य को अपनी व्यक्तिगत और राष्ट्रिय स्वाधीनता की मिलकर रक्षा का पूरा प्रयास करना चाहिए।

ईश्वरीय वाणी वेदों में इस विषय पर अनेकों मंत्र दिये गए हैं।

चुनाव में वोट न देकर जो हिन्दू स्वराज के निर्माण में सहयोग नहीं करते वे ईश्वरीय वाणी वेदों के भी दोषी हो जाते हैं और ईश्वर से भी इस जन्म और अगले जन्म में दंड के भागी बनते हैं।

वोट न देने वाले हिन्दू स्वयं सोचें कि वोट न देकर वे न केवल अपने पूर्वजों का अपमान करते हैं, मातृभूमि और राष्ट्र का अपमान करते हैं, लोकतन्त्र की उपेक्षा करते हैं किन्तु ईश्वर से भी विमुख हो जाते हैं। ऐसे लोग ये न सोचें कि वे तो ईश्वर की पूजा करते हैं किन्तु जब वेदों की ही उपेक्षा हो गई तो ईश्वर से विमुख तो हो ही गए। ऐसा व्यक्ति ईश्वर से भी दंड पाता है।

Continued…

Jitender Khurana

जितेंद्र खुराना HinduManifesto.com के संस्थापक हैं। Disclaimer: The facts and opinions expressed within this article are the personal opinions of the author. www.HinduManifesto.com does not assume any responsibility or liability for the accuracy, completeness, suitability, or validity of any information in this article.

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