सनातनधर्मियों के लिए शंकराचार्यों का सम्मिलित अनुग्रह संदेश ….

प्रेस विज्ञप्ति

सनातनधर्मियों के लिए शंकराचार्यों का सम्मिलित अनुग्रह संदेश ….

जोशीमठ। दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदापीठाधीश्वर पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदापीठाधीश्वर और उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्यो ने सम्मिलित अनुग्रह संदेश दिया हैं। शंकराचार्यों ने कहा कि अभिनव ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी जी के आमन्त्रण पर हम सब ज्योतिर्मठ में समवेत हुए और अनेक विषयों पर हमने चर्चा की।

सनातनधर्मियों के लिए हमारा यह सन्देश है कि —

  1. सभी सनातनधर्मावलम्बी एकजुट हों। परस्पर कलह कदापि न करना चाहिए।
  2. सनातनधर्मी किसी भी दशा में स्वधर्म न त्यागें। अज्ञान अथवा अन्यथा ज्ञान से यदि छोड़ चुके हों तो वे सभी पुनः अपने धर्म में वापस आ सकते हैं।
  3. आसेतुहिमाचल सभी सनातनधर्मियों को अपने-अपने घर में परशिवावतार सनातन धर्मोद्धारक श्रीमत् शंकर भगवत्पादाचार्य की मूर्ति अथवा स्थापना कर पूजा करनी चाहिए। प्रतिवर्ष की वैशाख शुक्ल पंचमी को श्रीमद् शंकराचार्य जी की जयन्ती का उत्सव मनाना चाहिए। प्रतिदिन शंकराचार्य जी के रचित स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए।
  4. सनातन हिन्दू धर्म अत्यन्त श्रेष्ठ और सारे संसार के कल्याण का हेतु होकर शोभायमान है। इसके विषय में ज्ञान अथवा भ्रान्ति से कुछ पण्डितम्मन्य निस्सार आक्षेप करते हैं, उन पर ध्यान नहीं देना चाहिए। यदि आपके मन में धर्म के विषय में सन्देह हो तो विद्वानों अथवा जगद्गुरुओं से मार्गदर्शन प्राप्त कर सन्देहों का परिहार करना चाहिए।
  5. सकल देवतास्वरूपिणी गाय हमारी अत्यन्त पूजनीया है। अतः सर्वत्र गोहत्याबन्दी होनी चाहिए तथा गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित किया जाना चाहिए।
  6. सभी घरों में बालकों के लिए प्रतिदिन रामायण, महाभारत आदि सत्कथाओं का पाठ होना चाहिए। युवा हमारे देश की अक्षय सम्पति हैं। वे सभी विद्या संस्कार वाले सद्गुणी, धर्म के प्रति श्रद्धावान् और क्या करना, क्या नहीं करना इसको जानने वाले होकर अपने देश की सर्वतोमुखी अभिवृद्धि के लिए तत्पर होकर श्रेयोभाजन बनें।
  7. तीर्थाटन और पर्यटन में भेद है। आवश्यक है कि तीर्थों का तीर्थोचित विकास हो।
  8. यही हमें अभिप्रेत है जिसके लिए भविष्य में समय-समय पर चतुराम्नाय पीठाधीश्वरों के सम्मेलन आयोजित होते रहेंगे।

Jitender Khurana

जितेंद्र खुराना HinduManifesto.com के संस्थापक हैं। Disclaimer: The facts and opinions expressed within this article are the personal opinions of the author. www.HinduManifesto.com does not assume any responsibility or liability for the accuracy, completeness, suitability, or validity of any information in this article.

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