भारत के हिन्दू राष्ट्र बनने की परिकल्पना शीघ्र ही यथार्थ में बदल जाएगी : यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट की हिन्दू राष्ट्र पंचायत में घोषणा

प्रेस विज्ञप्ति

भारत के हिन्दू राष्ट्र बनने की परिकल्पना शीघ्र ही यथार्थ में बदल जाएगी : यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट की हिन्दू राष्ट्र पंचायत में घोषण

नई दिल्ली। पूरा विश्व शीघ्र ही भारत के हिन्दू राष्ट्र की कल्पना को यथार्थ में परिवर्तित होते देखेगा।

यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट की ओर से यमुना विहार में संतो के सानिध्य में आयोजित ‘हिन्दू राष्ट्र पंचायत’ को संबोधित करते हुए फ्रंट के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता भाजपा श्री जय भगवान गोयल ने कहा कि वास्तव में हमारा देश पहले से ही सदियां से एक हिन्दू राष्ट्र है और हम इसी से पहचाने जाते हैं। एक जैसी सांस्कृतिक पहचान के लोगां के समूह को ही राष्ट्र माना जाता है। हिंदू राष्ट्र की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि देश और राष्ट्र अलग-अलग होते हैं। देश एक जमीन का टुकड़ा है जिसकी अपना स्वायत्ता और राजनीतिक पहचान होती है। अंग्रेजां के विरूद्ध लड़ाई भारत के लोगां ने एक राष्ट्र के रूप में ही एकजुटता से लड़ी थी। हिंदुओं का दुर्भाग्य रहा कि उन्हें हिंदू राष्ट्र नसीब नहीं हुआ। दूसरी और मुसलमान अपना मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान के रूप में लेने में सफल हो गए।

हिन्दू राष्ट्र पंचायत में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद श्री दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा श्री गोयल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ था। हिंदुओं को अपनी वोट की ताकत को समझना होगा। कांग्रेस की तुष्टिकरण दोषपूर्ण नीतियां और हिन्दुओं को जाति पात में बांटने की कुटिलता के कारण भारत को हिन्दू राष्ट्र नहीं कहलाया जा सका। हमें गर्व है कि हम सभी हिन्दुस्तानी हैं। कांग्रेस के कारण भारत हिंदू राष्ट्र नहीं बन सका। तुष्टिकरण की राजनीति में अंधी कांग्रेस ने संविधान में 42वां संशोधन करके 1976 में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़ दिया था। हमें जातिवाद, प्रांतवाद व भाषावाद के भेदभाव से ऊपर उठकर आगे बढ़ना होगा। हिन्दू एक सांस्कृति शब्दावली है जो हर नागरिक पर सही बैठती है। हम गर्व से कह सकते हैं कि सनातन धर्म हमारे देश का धर्म है। लाखां करोड़ां वर्षों पुराना सनातन धर्म सभी धर्मां व सम्प्रदायां को स्वयं में समाये हुए है अतः मिथ्या आरोप लगाने बंद होने चाहिए कि अन्य धर्मों का निरादर या उनसे दुर्भाव होगा। भारत की प्राचीन संस्कृति हमारी धरोहर है और राष्ट्र में एक समान कानून के अंतर्गत अपनी सांस्कृतिक पहचान को विश्वभर में फेलाना है ताकि आदर्श राम राज्य स्थापित करके परस्पर भाईचारे का उदाहरण प्रस्तुत कर सकें। विदेशां में जाकर भारत के विरूद्ध दुष्प्रचार करने वालां के मुंह पर एक जोरदार तमाचा होगा।


श्री गोयल ने कहा कि वर्तमान में हिन्दू राष्ट्र का मुद्दा बेहद चर्चा में है। हिन्दुत्व के मुद्दे पर ही भाजपा सरकारें सत्ता में आईं हैं। हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा को खारिज करने वालां का कोई स्थान यहां नहीं है क्यांकि हिन्दू राष्ट्र के निर्माण का यह मतलब नहीं कि अन्य संप्रदाय यहां रह नहीं पाएंगे या उन्हें जबरी हिन्दू बनाया जाएगा। प्राचीनतम सनातन धर्म का इतिहास रहा है कि हिन्दू शांतिप्रिय और सभी धर्मों का सम्मान करने वाला विशाल धर्म है। भारत में जन्म लेने वाला मुस्लिम और ईसाई हिन्दुत्व का ही हिस्सा हैं। 100 करोड़ हिन्दुओं का चिरप्रतीक्षित स्वप्न प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में शीघ्र ही साकार होने वाला है क्यांकि 140 करोड़ देशवासी एकमत से आदर्श राम राज्य चाहते हैं। राज राज्य की स्थापना के लिए भारत का एक ऐसा हिन्दू राष्ट्र होना आवश्यक है जहां सभी जातियां, सम्प्रदायां व धर्मों के लिए एक समान कानून के साथ आगे बढ़ा जाएगा और भारत को विश्व गुरू बनाया जाएगा।


श्री गोयल ने देश में वक्फ बोर्ड को समाप्त करके सनातन बोर्ड बनाने की मांग दोहराते हुए कहा कि सनातन बोर्ड सभी सम्प्रदायां के विवादां का निपटारा करने में सक्षम होगा।
श्री गोयल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनके संगठन ऐसी और पंचायतां का आयोजन भी करते रहेंगे।
महंत श्री दिगम्बर नागा बाबा श्याम गिरी जी महाराज, स्वामी सूर्य देव चेतनय जी, अजय महावर (एम.एल.ए. गौंडा), सत्य नारायण गौतम जी (प्रभारी, जिला उत्तर पूर्वी भाजपा), सतबीर शर्मा, यू.के. चौधरी (गुर्जर समाज), पार्षद मुकदा, निगम पार्षद प्रमोद गुप्ता, अजय अग्रवाल (प्रधान, अग्रवाल समाज), श्रीदत्त शर्मा (पूर्व विधायक, आम आदमी पार्टी), प्रदीप ठाकुर (अध्यक्ष, क्षेत्रीय समाज), श्री सुभाष गोयल, श्री अनिल कुमार (वालमिकी समाज) एवं भीन-भीन धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

भवदीय

राजकुमार पांडे शीतल शर्मा
कार्यालय सचिव मीडिया कॉर्डिनेटर

Jitender Khurana

जितेंद्र खुराना HinduManifesto.com के संस्थापक हैं। Disclaimer: The facts and opinions expressed within this article are the personal opinions of the author. www.HinduManifesto.com does not assume any responsibility or liability for the accuracy, completeness, suitability, or validity of any information in this article.

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