बिहार में हिन्दू डॉक्टर अशोक मिश्रा ने असामाजिक तत्वों से बचाई मदरसे के 2 शिक्षक, 20 बच्चों की जान
चित्र साभार https://www.bbc.com/hindi/india-43652505
देश में अल्पसंख्यक सामाजिक प्रतिनिधि अनायास ही बहुसंख्यक हिंदुओं पर असहिष्णुता का दोष मड़ते रहते हैं। देश के बहुसंख्यक हिन्दू आज भी मुसलमानो को सुरक्षित करने में पीछे नहीं हटते। इसका प्रमाण मिला बिहार के रोसड़ा में जब कुछ असामाजिक तत्वों ने वातावरण खराब कर दिया। ऐसे में वहाँ के मदरसे के घबराए 20 बच्चे और मदरसे के संचालक मौलाना नज़ीर अहमद नदवी सहित दो शिक्षकों की जान बचाने का कार्य एक हिन्दू डॉक्टर अशोक मिश्रा जी ने अपने घर में छुपा कर किया। अशोक मिश्रा जी उस समय मरीजों को देख रहे थे जब वातावरण खराब हुआ किन्तु उन्होने बिना देर लगाए तुरंत मदरसों के बच्चों की सहायता करी।
साथ ही उन्होने बच्चो को आश्वस्त किया कि वे चिंता न करें। माहौल ठीक होने पर उन्होने ये भी कहा कि पुलिस जो भी पूछे तो सब सच बता देना, कुछ नहीं होगा।
डॉक्टर मिश्रा 19 वर्षों के शहर के मरीजो का इलाज़ कर रहे हैं और अपने कर्तव्य पर अडिग हैं।सबसे बड़ी बात है कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के पक्ष में छपा हुआ एक कलेंडर भी उनके उनके क्लीनिक में लगा हुआ है जो सरस्वती विद्या मंदिर के प्रचारक उनके यहाँ लगा गए थे। किन्तु उनकी महानता है कि उन्होने विपत्ति के समय में मदरसे के असहाय बच्चों की सहायता करी। अब ये उदाहरण देख कर अल्पसख्यक सामाजिक प्रतिनिधियों के मुंह बंद हो जाने चाहिए कि देश के बहुसंख्यक असहिष्णु हो गए।
अब मदरसे के बच्चों और शिक्षकों का भी कर्तव्य बनता है कि वे भी ऐसी विपत्ति के स्थिति में हिंदुओं की रक्षा करें। मदरसे के संचालक को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि कहीं ऐसा न हो कि कोई जिहादी मानसिकता का व्यक्ति उन बच्चों मे से किसी को आतंकवादी बनने की प्रेरणा न दे दे। ऐसा हुआ तो ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
आधार स्त्रोत https://www.bbc.com/hindi/india-43652505
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