दिल्ली वाले खड़े हैं उन आठ पुलिसकर्मियों के साथ जिन्हे रामजस कॉलेज में झगड़ा रोकने में चोट लगी है
24 फरवरी 2017- मार्क्सवादी वामपंथी चिल्ला चिल्ला कर बोल रहे हैं कि कुछ छात्रों ने उनमे से कुछ को पीट दिया और पत्थरबाज़ी करी। वैसे इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि पत्थरबाज़ी करी गई है क्योंकि इसका तो कोई विडियो है ही नहीं। हाँ एक-दो विडियो हैं जिनमे जमीन पे पत्थर पड़े दिखाई दे रहे हैं। पर दिल्ली में तो वैसे भी जमीन पर पत्थर पड़े ही रहते हैं और ये भी हो सकता है कि मार्क्सवादी छात्रों ने खुद ही पत्थर रख दिये हों और फिर सहानुभूति प्राप्त करने के लिए कह रहे हो कि पत्थर मारे गए हैं।
किन्तु इन सब में चिंता की बात ये है कि दिल्ली की सुरक्षा करने वाली पुलिस के आठ जवान भी घायल हुए हैं। ये जवान दिन रात दिल्ली की सुरक्षा में लगे रहते हैं और इन्हे जेएनयू के मार्क्सवादियों के जैसे कोई मीडिया कवरेज भी नहीं मिलती। इन झगड़ों को रोकने में मौरिस नगर की महिला एसएचओ आरती शर्मा भी घायल हो गई और एक अन्य पुलिस कर्मी को तो हेयरलाइन फ्रेक्चर तक हो गया।
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