मोदी की हत्या का मंसूबा बनाने वालों को सज़ा

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हिंदुस्तान एक्सप्रेस (3 अगस्त) के अनुसार अदालत ने जिन 7 लोगों को उम्रकैद सुनाई है उनमें अबु जुंदाल, मोहम्मद आमिर शेख, बिलाल अहमद, सैयद आकिफ, अफ़रोज खान, फैजल अताउर रहमान, एम. असलम कश्मीरी शामिल हैं। आरोपी औरंगाबाद, बीड और मालेगाँव के रहने वाले हैं। जबकि उम्रकैद पाने वाले मोहम्मद असलम कश्मीर का रहने वाला है। न्यायधीश ने अन्य दो आरोपियों डा. मोहम्मद शरीफ और डा. मोहम्मद मुजफ्फर को 14-14 साल कैद की सज़ा सुनाई है। उन्हे 25-25 हज़ार रु जुर्माना भी किया गया है। जमीयत उलेमा की कमेटी के अध्यक्ष गुलजार आजमी ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।

रोज़नामा राष्ट्रीय सहारा (29 जुलाई) के अनुसार औरंगाबाद हथियार कांड में मुंबई के एक विशेष न्यायालय ने 12 मुस्लिम युवकों को कसूरवार बताया है जबकि 8 को बरी कर दिया है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि सरकार यह सिद्ध करने में सफल रही है कि गुजरात दंगों के बाद इन मुस्लिम आरोपियों ने नरेंद्र मोदी और विश्व हिन्दू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया की हत्या की साजिश रची थी। इस संबंध में 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में एक आरोपी शेख नईम फरार हो गया था और एक अन्य आरोपी सैयद मुस्तफा सरकारी गवाह बन गया था। इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए जमीयत उलेमा के अध्यक्ष अरशद मदनी ने कहा है कि यह फैसला अधूरा है। हालांकि आरोपियों पर मकोका हटाने का वे स्वागत करते हैं।

(स्त्रोत-उर्दू प्रेस की समीक्षा और विश्लेषण, अगस्त अंक, प्रकाशक=भारत नीति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली)

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