वरिष्ठ पत्रकार श्री रमेश ठाकुर की धारदार कलम से-सुदर्शन चैनल पर लगे आरोप में साजिश की गंध
लेखक-श्री रमेश ठाकुर
जमाना भेड़चाल का है किसी पर आरोप लगते ही हम जज बन जाते हैं। उसे अपने नजरों में दोषी ठहरा लेते हैं। लकिन आरोप लगाने वाले शख्स की कार्यशैली पर नजर नहीं दौड़ाते। सुदर्शन चैनल के मालिक सुरेश चव्हाणके पर एक महिलाकर्मी ने वही आरोप गढ़े हैं जो अमूमन सभी महिलाएं दूसरे मर्दों पर लगाती हैं। आरोप लगाने वाली महिला की एक और खूबी व विशेषता है जिसे शायद लोग नहीं जानते। मैं बताता हूं। मेरे और सुरेश चव्हाणके सर के बीच संबंध बहुत मधुर रहे हैं लेकिन इसी महिला के कारण ही हममें बातचीत पिछले चार सालो से नहीं हुई। आरोप लगाने के अलावा संबंधों में आग लगानी भी बखूबी इस महिला को आती है।
चार साल पहले की घटना है। सुरेश सर ने मुझे फोन करके दिल्ली के पांच सितारा होटल संगरीला में किसी मसले पर बातचीत के लिए बुलाया था।उस समय में दैनिक जागरण में काम रहा था। मैं उनसे मिलने अपने दोस्त हिंमाशु तिवारी जो इस समय ईटीवी दिल्ली में कार्यरत हैं, के साथ गया। होटल रूम में जैसे ही हमने प्रवेश किया तो यही महिला गेट पर खड़ी थी। महिला ने मेरा परिचय पूछा मैंने बताया। इधर-उधर की बातें करने लगी। आप कबसे जानते हो सुरेश जी को, चैनल खोलने के पहले क्या करते थे। बगैरा-बगैरा।
तभी अचानक अंदर से सर ने आवाज दी कि रमेश ठाकुर आए हैं उन्हें अंदर भेज दो। मैं हिंमाशु के साथ अंदर जाता हूं। सर के साथ काफी देर तक बात होती रही। बातचीत के थोड़ी देर के बाद यह महिला अंदर आ जाती है। और सुरेश सर से कहती हैं कि सर ये दोनों बाहर आपको गाली दे रहे थे। एकाएक लगा कि शायद ये महिला हमसे मजाक कर रही है। लेकिन जिस तेवर से वह बोलती जा रही थी उससे प्रतीत हो गया था कि हमारी बुराई करके ये सुरेश जी के नजरों में अपने नंबर बनाना चाह रही है। क्योंकि उस समय इन्हें नई-नई नौकरी पर रखा था।
उस समय सुरेश सर को भी लगा कि शायद यह महिला सही कह रही हैं। फिर हम वहां से चलने लगे। लेकिन चलते वक्त मैंने एक बात सर से कही थी उस दिन कि अगर ज्यादा दिन यह महिला आपके पास रही तो एक दिन आपके लिए मुसिबत का कारण बनेगी। मेरी वह बात आज सच साबित हुई। सुदर्शन चैनल में अल्प समय के लिए न्यूज एडीटर के तौर पर काम भी कर चुका हूं। मैंने भी वहां का माहौल देखा है। मुझे तो ऐसा कभी कुछ नहीं दिखाई दिया। यहां मैं सही-गलत की वकालत नहीं कर रहा हूं। पर, हां जो सच्चाई है वह जल्द बाहर आएगी।
सवाल उठता है कि जो महिला सालों से काम कर रही हो, उसे अचानक ये आरोप क्यों लगाने पड़े। ये आरोप पहले क्यों नहीं लगाए। अचानक क्यों? इससे तो साफ जाहिर होता है कि सर आपकी मांग पूरा नहीं कर सके होंगे तभी ये सब किया।
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