भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने पू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द जी अपमानजनक ट्वीट कर हिंदुओं की आस्था का अपमान किया

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के 5 अगस्त 2020 को श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन निर्णय के बाद देश मे इसी की चर्चा है। श्री रामजन्मभूमि एक धार्मिक विषय है जिसे भाजपा ने राजनैतिक बनाया और राजनैतिक लाभ भी लिया। लोकसभा में 1984 से 2 सीटों से 2020 में 302 सीटों तक पहुँचने में भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद के श्री राम जन्मभूमि आंदोलन का सबसे बड़ा हाथ है। पिछले वर्ष जब सुन्नी वक्फ बोर्ड ने निर्मोही आखाडा और पू शंकराचार्य द्वारा गठित श्री रामजन्मभूमि निर्माण समिति के सामने सम्मान से अपना दावा छोड़ा तो श्री राम जन्मभूमि मंदिर बनने की राह सरल हो गई।

किन्तु धार्मिक कार्य मुहूर्त के अनुसार होते हैं। और श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के मुहूर्त बहुत महत्वपूर्ण है अन्यथा इसका दुष्परिणाम सारे देश को भुगतना पड़ेगा। मुहूर्त की महत्वता ही यही होती है कि सभी कार्य शुभ हों। जब भगवान श्री राम ने सभी कार्य मुहूर्त के अनुसार किए तो उनका मंदिर भी मुहूर्त से बनना चाहिए।

आने वाली 5 अगस्त को भूमि पूजन का जो समय निर्धारित किया गया है, उस पर पू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द जी ने हिंदुओं के शीर्ष धर्मगुरु होते हुए अपना विचार दिया है कि यह समय भूमिपूजन के लिए अशुभ मुहूर्त है, तो इस पर भाजपा, आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद समर्थक सोश्ल मीडिया पर उनके लिए अनगिनत अपमानजनक टिप्पणियाँ कर रहे हैं।

कल का दिन इतिहास में 100 करोड़ हिंदुओं के लिए काला दिन था जब मोदी-भजपा समर्थक भर भर के 100 करोड़ हिंदुओं के 4 पीठों में से 2 पीठों पर विराजमान पू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी को गालियां दे रहे थे। क्योंकिं उन्होंने ये याद दिलाया कि 5 अगस्त को निर्धारित समय पर श्री रामजन्मभूमि का शुभ मुहूर्त नहीं है। इस पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने 1 लेख सांझा किया जिसमें पू शंकराचार्य जी को ढोंगी, शहीन बाग समर्थक और caa विरोधी होने का झूठ लिखा है, मनगढ़न्त अपशब्द लिखे हैं। उसमे फोटो भी वो लगी है जिसका अर्थ झूठा है, उसका अनर्थ निकाला गया है। कपिल मिश्रा को शायद सरकारी सरंक्षण है कि वो जो मर्जी बोले!

https://twitter.com/KapilMishra_IND/status/1286288523218173952

 

न तो पू शंकराचार्य जी ने कभी शाहीन बाग का समर्थन किया, न CAA का विरोध किया, जबकि उन्होने कहा था कि इसके पहले से कानून है, उसे क्रियान्वित करें और भारत को 1 सशक्त राष्ट्र बनाएँ। साथ ही उन्होने देश में कॉमन सिविल कोड लाने की माग करी थी जिससे भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनने से रोक सकें। और न वे श्री राम मंदिर की जगह मस्जिद के पक्ष में थे, जबकि वे तो स्वयं मंदिर बनाने से रोकने के लिए 1990 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह द्वारा गिरफ्तार किए गये थे, और वे स्वयम सुप्रीम कोर्ट में इस केस में पार्टी थे कि अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि मंदिर बनना चाहिए। इस लेख में लगी फोटो का भी स्पष्टीकरण प्रेस रिलीज़ जारी करके पू शंकराचार्य जी द्वारा दिया गया था कि कैसे इस फोटो का हिन्दू विरोधियों ने छल से गलत अर्थ निकाला है और इसमे साथ पादरी की निंदा भी करी थी। पाठकों को ये जानना चाहिए कि पू शंकराचार्य जी के सानीध्य के कारण कारण ईसाई पंथ में धर्मांतरित हुए लाखों हिन्दू वापिस सनातन धर्म में आए हैं। किन्तु न तो शंकराचार्य जी कभी इसका प्रचार करते हैं और न कोई श्रेय लेते हैं।

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ये समाचार सांझा कर और इस समाचार वैबसाइट ने ऐसा घोर अपमान जनक लेख लिखकर देश के 100 करोड़ हिंदुओं का अपमान किया है। पू शंकराचार्य जी के शिष्यों को इसके विरुद्ध पुलिस में एफ़आईआर करवानी चाहिए और कठोर कानूनी कार्यवाही की मांग करनी चाहिए। मैंने इस लेख के माध्यम से सभी पू शंकराचार्य शिष्यों को आव्हान करता हूँ कि कपिल मिश्रा और इस वैबसाइट के विरुद्ध पुलिस में शिकायत करें। केंद्र और राज्य सरकारों को भी चाहिए कि वे इस पर संज्ञान लें।

पू शंकराचार्य शीर्ष धर्मगुरु है, उनका कार्य ही ये बताना है कि धर्म के लिये क्या उचित है, क्या अनुचित है। 97 वर्ष की आयु में दिन में 15 घंटे पूजा अर्चना, अध्ययन, अध्यापन, शिष्यों को शास्त्रों की शिक्षा देना, देश भर के समाचार जानना, धर्म के विषयों पर विचार देना, प्रवचन देना, विशिष्ट अतिथियों से मिलना और उनके दर्शन करने आए भक्तो को दर्शन देकर आशीर्वाद देना 1 असंभव सा कार्य है। यह सब कठोर ब्रह्मचर्य से संभव है और भाजपा-संघ में ये सब कर सकने वाला कोई है तो बताएं!

पू शंकरचार्य स्वामी स्वरूपानन्द जी महाराज ने इस विषय पर जो सनातन धर्म के शास्त्रों के जो प्रमाण दिये हैं कि 5 अगस्त को श्री राममनदिर का शुभ मुहूर्त नहीं है, वह इस समाचार लेख में अवश्य पड़ना चाहिए।

मात्र पू शंकराचार्य जी ही नहीं, देश के कई वरिष्ठ ज्योतिषियों के भी यही विचार है कि 5 अगस्त के निर्धारित समय पर मुहूर्त शुभ नहीं है। समाचार चैनलों पर वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य वक्ता आचार्य नारायण शर्मा और डॉ एचएस रावत जी का भी यही विचार है कि 5 अगस्त को शुभ मुहूर्त नहीं है। किन्तु राजनीति में लोभी हुए लोग शायद ये समझना ही नहीं चाहते कि धार्मिक विषयों पर धर्मगुरुओं का ही विचार मान्य है, किसी अधिकारी या राजनीतिज्ञों का नहीं।

सभी के लिए ये जानना आवश्यक है कि इसी वर्ष 9 अप्रैल 2020 को भी श्री रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट अपना गलत Logo बनाकर अपना अपमान करवा चुका है जिसमे भगवान राम को धर्म का नहीं, अधर्म कर प्रतीक बता दिया गया था और जिसके लिए ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय जी को सार्वजनिक रूप से क्षमा भी माँगनी पड़ी थी।

अब सनातनियों के लिए निर्णायक समय है कि किसी संगठन की मनगढंत और धर्म की अवसरवादी परिभाषा में जीना है अथवा ईश्वर का सानिध्य पाने के लिये शास्त्र सम्मत धार्मिक शिक्षा के साथ 2500 वर्षों से धर्म की रक्षा करती आ रही पू शंकराचार्य परंपरा और वैष्णव परंपरा में जीना है।

Jitender Khurana

जितेंद्र खुराना HinduManifesto.com के संस्थापक हैं। Disclaimer: The facts and opinions expressed within this article are the personal opinions of the author. www.HinduManifesto.com does not assume any responsibility or liability for the accuracy, completeness, suitability, or validity of any information in this article.

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