श्रीभागवत गीता का कश्मीरी में अनुवाद करने वाले पंडित सर्वानंद कौल की कश्मीरी मुस्लिम जिहादियों ने माथे पर कील ठोक कर हत्या करी थी!
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लेखक-कर्नल तेज टिक्कू एवं अन्य स्त्रोत (www.ikashmir.net)
कर्नल टिक्कू जम्मू-कश्मीर और कश्मीरी पंडितों के विषय पर विश्व के सर्वश्रेष्ठ विद्वानों में से एक हैं और पुस्तक-Kashmir-Its Aborigines and Their Exodus के लेखक हैं।
हिन्दी अनुवाद-जितेंद्र खुराना (@iJKhurana)
विद्वान श्री सर्वानंद कौल “प्रेमी”, आयु 64 वर्ष और उनके पुत्र “वीरेंद्र कौल”, आयु 28 वर्ष की वीभत्स हत्या अविश्वसनीय थी। श्री सर्वानंद कौल अत्यंत सम्मानित विद्वान और कवि थे जिनहोने कश्मीरी साहित्य में अतुल्य योगदान दिया था। उनके सर्वाधिक सम्मानित कार्यों में एक कार्य यह था कि उन्होने श्रीभागवत गीता का कश्मीरी में अनुवाद किया था। वे एक सच्चे पंथनिरपेक्ष थे जिनकी कविताओं में शुद्ध कश्मीरियत का भाव दिखता था। पुस्तकों के उनके अपने संग्रह में भी उनका शुद्ध भाव “जीवन में पंथनिरपेक्षता” दिखता था। कश्मीरी पंडितों के विरुद्ध बड़ी हिंसा के बाद भी वे यह सोच कर अपने गाँव में रहते रहे कि वे एक अध्यापक रहे हैं और गाँव के सभी पड़े लिखे मुस्लिमों को उन्होने पड़ाया है और उन्हे कोई चिंता नहीं करनी चाहिए।
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