काबुल में सुन्नियों ने खेली शियाओं के खून से होली
काबुल में सुन्नियों ने खेली शियाओं के खून से होली
19 सितम्बर 2016
मुंसिफ़ (उर्दू समाचार पत्र-24 जुलाई) के अनुसार शियाओं के एक विशेष प्रदर्शन में दो लोगों ने आत्मघाती हमला किया जिसमे 80 लोगों की मौत हो गई और 250 से अधिक लोग घायल हो गए। प्रदर्शन हजारा फिरका के लोग कर रहे थे और वे सरकार से यह मांग कर रहे थे कि बिजली की लाइन उनके क्षेत्र से गुजारी जाए। ज्ञातव्य है कि हजारा संप्रदाय आमतौर पर बामीयान में रहते हैं। इससे पूर्व भी वे काबुल में एक बार प्रदर्शन कर चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति अशरफ गनी और प्रधानमंत्री अब्दुल्लाह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होने आरोप लगाया कि सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है।
प्रदर्शनकारियों में अधिकांश साइकिल सवार थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने कबूल की है। आईएसआईएस के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस्लामिक स्टेट के दो लड़ाकुओं ने काबुल में शियाओं के एक प्रदर्शन में खुद को धमाके से उड़ा दिया। ज्ञातव्य है कि आईएसआईएस शिया विरोधी है। अफगानिस्तान में अधिकांश जनसंख्या सुन्नी है।
सियासत (उर्दू समाचार पत्र-25 जुलाई) के अनुसार अफगान सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह हमला पिछले पिछले 15 वर्ष में सबसे अधिक बड़ा है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय स्तर पर शोक मनाने की घोषणा की है।
(स्त्रोत-उर्दू प्रेस की समीक्षा और विश्लेषण, अगस्त अंक, प्रकाशक=भारत नीति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली)