4 कारणों से फिल्म प्रेमी भारतीयों को सलमान खान की बेल के समर्थन में खड़ा नहीं होना चाहिए था

(Featured image from PTI)

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आज का दिन भारत में ऐतिहासिक रहा। लाखो, करोड़ों भारतीय आज न्यायालय द्वारा घोषित अपराधी सलमान खान की बेल के पक्ष में खड़े दिखाई दिये। मात्र इसलिए कि सलमान खान एक अभिनेता हैं और लोगों का मनोरंजन करते हैं। कल हाफिज़ सईद भी फिल्मों मे काम करना आरंभ कर देगा तो क्या भारतीय उसके अपराध भी भूल कर उसके समर्थन में खड़े हो जाएंगे? अब समय है कि भारतीय अपनी प्राथमिकताएं पहचानें और ये जाने कि भारतीयता और देशभक्ति है क्या? एक अपराधी और देशभक्ति में भारतीय क्या चुनेंगे क्या इसमें भी कोई सोचने की बात है।

माननीय न्यायलय ने सलमान खान को बेल दी है इसलिए मैं इस निर्णय का भी सम्मान करता हूँ। किन्तु मैं अपने व्यक्तिगत यहाँ विचार रख रहा हूँ कि क्यों मैं सोचता हूँ कि फिल्म प्रेमी भारतीयों को सलमान खान की बेल के समर्थन में नहीं खड़ा होना चाहिए था।

1-सलमान खान ने किए आतंकवादी याक़ूब मेमन के समर्थन में ट्वीट, बताया था निर्दोष।

1993 मुंबई बम्ब धमाकों में लिप्त आतंकवादी याक़ूब मेमन को सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सज़ा सुनाई थी और सलमान खान ने जुलाई 2015 में याक़ूब मेमन को निर्दोष बताते हुए कई ट्वीट किए थे। सलमान ने यहाँ तक लिखा कि याक़ूब मेमन को फांसी नहीं होनी चाहिए और याक़ूब मेमन के भाई टाइगर मेमन के अपराधों की सज़ा उसे मिल रही है। सलमान ने लिखा कि टाइगर को फांसी दो और एक निर्दोष को मारना सारी मानवता को मारना है।

1993 मुंबई बम्ब धमाकों में 257 निर्दोष लोग मारे गए थे। न्यायालय में याकूब मेमन पर लगभग 20 वर्ष केस चला और सारे तथ्यों को ध्यान में रखते हुए देश के न्यायलाय ने उसे फांसी की सज़ा सुनाई और सलमान खान ने कुछ ट्वीट में ही उसे निर्दोष बता दिया जबकि वो मुंबई धमाकों में अपराधी प्रमाणित हो चुका था। किन कारणों से सलमान खान ने एक आतंकवादी के पक्ष में ट्वीट किए? किन्तु ट्वीट तो किए ये प्रामाणिक है। सलमान खान ने बाद में अपने पिता जी के प्रभाव में अपने ट्वीट वापिस ले लिए थे और उसके लिए माफी मांग ली थी।

सलमान खान के आतंकवादी याक़ूब मेमन के पक्ष में ट्वीट किए जाने के बाद भी कई फिल्म प्रेमी भारतीय फिल्म प्रेमी से अधिक कुछ नहीं बन पाये और उसी के पक्ष में खड़े दिखाई दिये। दूसरी बड़ी बात कि अब तो न्यायालय द्वारा सलमान खान को भी उसी के अपराध के लिए 5 साल की सज़ा सुना दी गई थी। कई फिल्म प्रेमी भारतीय इन दोनों घटनाओं को भूल गए और उन्हे बस सलमान खान और उसकी फिल्में ही याद रही।

सलमान खान के पक्ष में खड़े फिल्म प्रेमी भारतीयों का कोई अपना कदाचित अपना माँ बाप, भाई बहन, बेटा बेटी 1993 मुंबई धमाकों में मारा जाता तो उन्हे सलमान खान के याक़ूब मेमन के पक्ष में करे गए ट्वीट भी याद रहते और तब उन्हे काले हिरण केस में भी सलमान अपराधी ही नज़र आता क्यूंकी कुछ लोगों के लिए अपना दुख ही दुख होता है दूसरा का दुख कोई दुख नहीं होता।

स्त्रोत http://indianexpress.com/article/india/india-others/salman-khan-tweets-yakub-memon-innocent-apologises-after-father-tells-him-off/

2-कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा को बिना किसी ठोस प्रमाण के आठ वर्ष जेल और अपराधी सलमान खान को दो दिन में बेल

भारत में मलेगाँव धमाके भी बहुचर्चित रहे हैं और उसी केस से संबन्धित कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा का नाम भी पूरे भारत में प्रचलित हुआ। इन दोनों को कुछ समय पहले ही बेल मिली है। किन्तु ये दोनों क्रमशः 9 वर्ष और 8 वर्ष जेल में रहे हैं। बड़े आश्चर्य की बात है कि बिना किसी ठोस प्रमाणों के इन दोनों को केस से जोड़ा गया और इतने वर्ष जेल में रखा गया। इन दोनों ने जेल से बाहर आकर बताया कि किस प्रकार इन दोनों पर जेल में अमानवीय अत्याचार हुए। बड़ी बात ये है कि कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा को 8-9 वर्ष के बाद बेल जबकि पुरोहित के विरुद्ध एनआईए की चार्जशीट में ही मतभेद थे और न्यायालय द्वारा कनविकटेड सलमान खान को 5 साल की सज़ा सुनाने के बा दो दिन में बेल

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3-भारत में पाकिस्तानी कलाकारों का समर्थन

सभी फिल्म प्रेमी भारतीयों को ये भी याद रखना चाहिए कि जब जम्मू कश्मीर के उरी में आर्मी केंप पर हमला हुआ था और कई भारतीय सैनिक मारे गए थे तो पूरे भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने की मांग हो रही थी तो यही सलमान खान पाकिस्तानी कलाकारों के पक्ष में खड़े थे।

(Source http://indianexpress.com/article/entertainment/bollywood/salman-khan-backs-pakistani-actors-they-are-artists-not-terrorists-3057834/)

सलमान ने कहा था कि ये तो सिर्फ कलाकार हैं, कोई आतंकवादी नहीं। किन्तु क्या सलमान खान ये गारंटी दे सकते थे कि इनही कलाकारों में से कोई आईएसआईए के लिए काम नहीं कर रहा था।

4- बहाना:-सलमान खान को जेल और गौ रक्षक खुले घूम रहे हैं

सलमान खान को 5 साल की सज़ा सुनाये जाने के बाद कुछ मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ता तो ये बोलते दिखाई दिये कि सलमान खान को 1 हिरण मारने पर 5 साल की सज़ा सुनाई गई है जबकि अपराधी गौरक्षक खुले घूम रहे हैं। इन अज्ञानियों को मैं ये बताना चाहता हूँ कि इसी वर्ष पिछले मार्च महीने में झारखंड में न्यायालय ने 11 हिन्दू गौरक्षकों को 1 मुस्लिम बीफ तस्कर की पीट पीट कर हत्या के केस में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है। तब कोई हिन्दू संगठन और नेता ने नहीं कहा कि निर्दोष गौरक्षकों को फसाया गया है क्यूंकी न्यायालय के निर्णय का सम्मान किया गया। इसी तरह सलमान खान को भी याक़ूब मेमन केस में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पहले ही सम्मान करना चाहिए था और उसे निर्दोष बताते हुए कोई ट्वीट नहीं करने चाहिए थे।

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Jitender Khurana

जितेंद्र खुराना HinduManifesto.com के संस्थापक हैं। Disclaimer: The facts and opinions expressed within this article are the personal opinions of the author. www.HinduManifesto.com does not assume any responsibility or liability for the accuracy, completeness, suitability, or validity of any information in this article.

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