इस बार पंजाब में “NOTA” विजयी होना चाहिए

पंजाब में चुनाव होने वाले हैं और मुझे ये समझ आ रहा है कि पंजाब में बहुत से लोग असमंजस में हैं कि किसे वोट दें क्योंकि वे किसी से भी संतुष्ट नहीं हैं। कुछ सीटों पर परंपरागत अकाली, भाजपा और काँग्रेस के प्रत्याशी जीत जाएंगे। किन्तु कई स्थानों पर मतदाता निर्णय नहीं ले पा रहे क्योंकि वे किसी को भी जीतने के लायक नहीं समझते हैं।

2-3 सीटों पर आप पार्टी के प्रत्याशी प्रबल हैं किन्तु केजरीवाल के पीछे खालिस्तानी समर्थक होने का मामला गरम हो चुका है। सोशल मीडिया में तो खालिस्तानी खुल कर केजरीवाल और आप का समर्थन कर रहे हैं। पिछले दिनो जनाब केजरीवाल एक खालिस्तानी समर्थक नेता के घर में रुके थे। और इससे अधिक क्या प्रमाण चाहिए बात को समझने के लिए।

कुछ स्थानों पर पंजाब में हिन्दुत्व पर कार्यरत शिवसेना हिंदुस्तान समर्थित हिंदुस्तान शक्ति सेना पार्टी के भी प्रत्याशी अपना प्रचार करने में लगे हैं। पार्टी के नेता पवन गुप्ता पंजाब में अल्पसंख्यक हिंदुओं के अधिकार की लड़ाई लड़ते रहे हैं।

इसलिए बहुत से मतदाता ना अकाली-भाजपा, न काँग्रेस और न ही आप पार्टी को वोट देना चाहते हैं। ऐसे लोगों के लिए चुनाव सुधार की प्रक्रिया में “NOTA” का जन्म हुआ है जब मतदाता को ये ताकत है कि वह सभी को निरस्त कर दे और उस सीट पर कोई प्रत्याशी विजयी न हो। जब कोई प्रत्याशी जीतने के लायक ही नहीं तो उसे क्यों जीतना चाहिए। ऐसे में सभी पार्टियों को नया प्रत्याशी लाना चाहिए या अपने विचारों को बदलना चाहिए। जब निर्णय न ले पाने की स्थिति में मतदाता अधिक से अधिक संख्या में NOTA का बटन दबाएँगे तो सभी प्रत्याशी निरस्त हो जाएंगे और चुनाव फिर से होगा। ऐसे में सभी पार्टियां अपने प्रत्याशी बदलने के लिए मजबूर हो जाएंगी या अपने विचारों और काम करने के तरीके में बदलाव लाएँगी। आज पंजाब के मतदाताओं को ये ताकत समझनी होगी।

पंजाब के जो मतदाता अपना निर्णय नहीं ली पा रहे हैं वो अधिक से अधिक संख्या में NOTA के बटन को दबाएँ और सभी प्रत्याशियों को हारा दें। ये ही पंजाब के लोकतन्त्र की जीत है जिससे अगली बार पार्टियां अच्छे उम्मीदवार ले कर आएँगी।


लेखक-जितेंद्र खुराना

जितेंद्र खुराना HinduAbhiyan.com के संस्थापक और हिन्दू जागरण अभियान के संयोजक हैं। वे हिन्दू समाज के जागरण और वैदिक विषयों पर लेखक एवं विभिन्न समाचार चैनलों पर हिन्दू विषयों, धर्मांतरण और हिन्दू समाज पर बड़ रहे संकटों पर प्रमुख वक्ता हैं।

Disclaimer: The facts and opinions expressed within this article are the personal opinions of the author. www.HinduAbhiyan.com does not assume any responsibility or liability for the accuracy, completeness, suitability, or validity of any information in this article.

Like our Facebook Page- https://www.facebook.com/HinduJagranAbhiyan/
Follow on Twitter-@HinduAbhiyanCom

Jitender Khurana

जितेंद्र खुराना HinduManifesto.com के संस्थापक हैं। Disclaimer: The facts and opinions expressed within this article are the personal opinions of the author. www.HinduManifesto.com does not assume any responsibility or liability for the accuracy, completeness, suitability, or validity of any information in this article.

Share

Compare