पाकिस्तानी न्यायालय ने दो चर्चों में तोड़फोड़, 125 ईसाईयों के घर जलाने और दर्जनो बाइबल नष्ट करने के मामले में 112 मुसलमानों को रिहा किया
मार्च 2013 में लाहौर की जोसेफ कॉलोनी में 3000 मुसलमानों की भीड़ ने ईसाईयों के 125 घरों में आग लगा दी थी। दो चर्चों में खूब तोड़ फोड़ करी गई थी और दर्जनों बाईबल नष्ट कर गई थी। उसका कारण एक अफवाह थी कि एक स्थानीय ईसाई युवक सावन मसीह ने हज़रत पैगंबर मौहम्मद साहब पर आपत्तिजनक करी थी।
बचाव पक्ष के वकील गुलाम मुर्तजा चौधरी ने बताया कि किसी भी अभियुक्त के विरुद्ध कोई भी ठोस प्रमाण के अभाव में न्यायालय ने सभी को निर्दोष घोषित किया। कोई भी गवाह किसी भी अभियुक्त को पहचान ही नहीं सका और उनके गवाहीयां भी परस्पर विरोधी थी। सभी 112 अभियुक्त पहले से ही जमानत पर रिहा थे।
सफाई कर्मचारी का काम करने वाले सावन मसीह ने अपनी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बताया था कि उसने हज़रत पैगंबर मौहम्मद साहब पर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं करी थी बल्कि इस आरोप का कारण उसके और उसके एक दोस्त के बीच एक संपत्ति का विवाद था और उसके दोस्त ने ये अफवाह फैला दी थी।