श्रीभगवान का पर्चा नहीं हुआ खारिज

प्रेस विज्ञप्ति

*श्रीभगवान का पर्चा नहीं हुआ खारिज*

अखिल भारतीय रामराज्य परिषद् समर्थित प्रत्याशी श्री भगवान् का पर्चा खारिज नहीं किया गया है बल्कि किसी भगवान् पाठक नाम वाले व्यक्ति का खारिज किया गया नोटिस हमको दे दिया गया है जो पूर्ण रूप से प्रशासन की गलती है । अतः हम अब यह मांग कर रहे हैं कि सूची में हमारा नाम चढाकर हमें चुनाव चिह्न प्रदान किया जाए ताकि हम चुनाव प्रचार खर सकें ।

*जब नामांकन 29 अप्रैल को हुआ तो नोटिस में 27 तारीख कैसे लिखा गया?*

प्रशासन की एक और गलती इस सम्बन्ध में सामने आई है कि जो नोटिस दी गयी है उसमें 27 अप्रैल 2019 लिखा है जबकि श्री भगवान् ने अपना नामांकन 29 अप्रैल 2019 को किया । नामांकन के पहले ही नोटिस देकर प्रशासन ने गलती की है जो कि किसी भी स्थिति में अस्वीकार्य है ।

*विपक्षी दल एक होकर नरेन्द्र मोदी का विरोध करें तो लोकतन्त्र की रक्षा के लिए हमारा समर्थन विपक्षी को रहेगा*

इस समय देश में सब ओर तानाशाही चल रही है । भारत से लोकतन्त्र समाप्त हो रहा है । इसलिए यह अब आवश्यक हो गया है कि सभी विपक्षी दल एक हो जाएँ और सारे मतभेद भुलाकर एक होकर इस तानाशाह को काशी से भगाएं तो हम समर्थन करेंगे ।

*होगा मतदान का बहिष्कार*

यदि विपक्षी दल एक न हों तो हम मतदान का बहिष्कार करेंगे और लोगों से भी हम यह अपील करेंगे कि वे भी मतदान का बहिष्कार करें ।

*अनेक प्रत्याशियों के साथ हो रहा अन्याय*

काशी का प्रशासन केवल ऊपरी इशारे पर काम करता हुआ दिख रहा है । क्योंकि यह अन्याय केवल हमारे प्रत्याशी के साथ ही नहीं अपितु अनेक निर्दल प्रत्याशियों के साथ हो रहा है ।

*अहंकार का अन्त एक दिन होता ही है*

यह नियम है कि भगवान् व्यक्ति के अहंकार का भक्षण कर ही लेते हैं । बहुत दिनों तक कोई भी अहंकार नहीं चल सकता । इस देश में लोकतन्त्र है और लोकतंत्र की यह विशेषता है कि यहाँ पर चुनाव लड़ने का अधिकार सबको है । परन्तु प्रधानमंत्री के सामने कोई भी सामान्य व्यक्ति खडा ही न हो सके ऐसा करना सर्वथा अनुचित है ।

*सत्य की नगरी झूठे व्यक्ति को अपना प्रतिनिधि दुबारा नहीं चुनेगी*

काशी नगरी सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र जी के सत्य के कारण प्रसिद्ध है । यहां का प्रतिनिधि झूठा व्यक्ति नहीं होना चाहिये । काशी के लोग इस बात को समझते हैं और अपना प्रतिनिधि झूठे व्यक्ति को दुबारे नहीं बनाएँगे ऐसा हमें विश्वास है । क्योंकि काशी की जनता को गंगा ने बुलाया है कहकर धोखा दिया गया और राम मन्दिर न बनाकर काशी के मन्दिरों को ही ध्वस्त कर दिया गया है । जनता इस बात को अब अच्छे से समझ चुकी है ।

*17 मई तक पैदल भ्रमण करते हुए काशी की सडको पर ही रहेंगे*

स्वामिश्रीः ने यह कहा है कि वे 17 मई 2019 तक काशी की सडको पर पैदल भ्रमण करेंगे मठ नहीं जाएँगे । इस अन्तराल में वे जनता को जागरुक करेंगे और लोकतन्त्र को बचाने का हर सम्भव प्रयास करेंगे ।

Jitender Khurana

जितेंद्र खुराना HinduManifesto.com के संस्थापक हैं। Disclaimer: The facts and opinions expressed within this article are the personal opinions of the author. www.HinduManifesto.com does not assume any responsibility or liability for the accuracy, completeness, suitability, or validity of any information in this article.

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